कृषि बिल को लेकर मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा। शिरोमणि अकाली दल ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया है। इसके बाद शिरोमणी अकाली दल की नेता और फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने किसान बिल के विरोध में मोदी सरकार से इस्तीफा भी दे दिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसके बाद इस मंत्रालय का प्रभार कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को सौंपा गया है।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने ट्वीट किया कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं किसान भाइयों-बहनों को आश्वस्त करता हूं कि ये विधेयक सही मायने में उन्हें सशक्त करने वाले हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा- “मैंने किसानों के खिलाफ लाए जा रहे बिल को लेकर केंद्रीय कैबिनेट के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मुझे गर्व है कि मैं अपने किसानों के साथ उनकी बहन और बेटी के तौर पर खड़ी हूं।”
इससे पहले पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukbir Singh Badal) ने गुरुवार को लोकसभा में घोषणा की थी कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अपना फूड प्रोसेसिंग कैबिनेट मिनिस्टर का पद छोड़ेंगी। बता दें केंद्र सरकार ने किसानों के लिए तीन बिल प्रस्तावित किए थे। इसके बाद से ही विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं।
किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं। #JaiKisan
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2020
इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। #JaiKisan
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2020
लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। #JaiKisan
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2020
केंद्र सरकार के साथ गठबंधन में शामिल है अकाली दल
हालांकि, अकाली दल सरकार के साथ गठबंधन में शामिल है। बावजूद इसके उनकी पार्टी की नेता ने सरकार के इस कदम का विरोध जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि किसानों को लेकर जो भी बिल सदन में प्रस्तावित किए गए हैं, वह 50 साल की उस पूरी मेहनत को खत्म कर देंगे जो राज्य सरकार ने पंजाब में कृषि सेक्टर को मजबूत करने में लगाए हैं।
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