हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर पूरे देश में गुस्सा पनप रहा है. पहले पुलिस की ओर से लापरवाही बरती गई, फिर जब मौत हो गई तो पुलिस ने हाथरस पहुंचकर आधी रात को जबरन अंतिम संस्कार कर दिया. अब पुलिस के इसी रवैये पर विपक्ष आगबबूला है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है.
प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से ट्वीट किया गया कि रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया. जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी, जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया.
रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया।
जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया।
पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
प्रियंका की ओर से कहा गया कि पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया. घोर अमानवीयता. आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया है. अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दोगुना अत्याचार किया है. प्रियंका ने मांग करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो. आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है.
राहुल और अरविंद केजरीवाल का फूटा गुस्सा
इसी घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया जाता है. ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अंतिम संस्कार को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए. उन्होंने लिखा कि हाथरस की पीड़िता का पहले कुछ वहशियों ने बलात्कार किया और कल पूरे सिस्टम ने बलात्कार किया. पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है.
मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले में ट्वीट कर आरोप लगाया. मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है. बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है.
बसपा प्रमुख ने लिखा कि अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी.
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